राजस्थान के सुपरस्टार गायक हरि बीकानेरी की जीवनी

दोस्तों आज हम बात करेंगे राजस्थान के उभरते हुए सुपरस्टार बाल कलाकार गायक हरि बीकानेरी की जिन को अब से कुछ समय पहले कोई जानता भी नहीं था लेकिन उन्होंने अपने सुरों से पूरे राजस्थान में अपनी पहचान बना दी।

हरी एक सबसे तेज गति से उभरते हुए कलाकार हैं जो आगे जाकर बीकानेर और पूरे राजस्थान का नाम रोशन करेंगे।

तो आइए शुरू करते हैं  हरि बीकानेरी के जीवन परिचय,  बचपन से लेकर अब तक का संघर्ष  के बारे में संपूर्ण जानकारी।

हरि बीकानेरी का जन्म 7 जुलाई 2007 बीकानेर के देसलसर
नोखा में एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ और संगीत हरी को विरासत में मिला।

बात की जाए शिक्षा की तो ये अपने  गांव देसलसर में पाचवी क्लास में पढ़ रहे है बात की जाए हरि के शुरुआती गुरु की तो वो  शिव राजस्थानी नौखा रहे है और वर्तमान में हरी शिव राजस्थानी के साथ साथ छोटू सिंह रावणा और संपत दाधीच से संगीत सीख रहे है।

हरि बीकानेरी ने  हाल ही में अनिल नागोरी की जुगलबंदी में एक बहुत ही फेमस फागण गाया जिसे अब तक लाखों लोगो ने यूट्यूब के माध्यम से देखा।

हरी इतनी छोटी सी उम्र में ही अास्था भजन टीवी चैनल पर भी अपनी आवाज का जादू बिखेर चुके है।

हरी ने हाल ही में बालेसर में अमर शहीद कमांडो फोर्स और तेज राठौड़ के मार्गदर्शन में आयोजित एक शाम शाहीदो के नाम कार्यक्रम में दो भजन गाए और पहले ही भजन में एक अनजान चेहरे के तौर पर जब गाना शुरू किया तो हरी के सुरो की शुमारी इस कद्र छाई की मंच पर मौजूद मोइनुद्दीन मनचला, छोटू सिंह रावणा और समस्त संत जनों ने खड़े होकर पैसों की बौछार की झड़ी लगा दी और एक ही रात में हरी ने मोइनुद्दीन जी और छोटू सिंह जी के दिलों में एक अमित छाप छोड़ दी जो की तेज राठौड़ के चैनल पर प्रसारित वीडियो में देखा जा सकता है।

बालेसर से महज 6 दिन बाद ही हरी ने प्रकाश माली के साथ मंच साझा किया और एक अनजान चेहरे के तौर पर प्रकाश जी के समक्ष खड़े होकर जब गाना शुरू किया तो प्रकाश जी और आयोजक दोनों इस कद्र प्रभावित हुए की दोनों ने हरी पर खड़े होकर पैसे बरसाए और हरी उन चुनिंदा खुशनसीब लोगो में शुमार हो गया जिन पर प्रकाश माली ने आशीर्वाद स्वरूप पैसों की बौछार की हो।

लोगों के इतने प्यार के लिए हरि बीकानेरी ने सभी को धन्यवाद भी दिया  उन्होंने कई फेमस लोकगीत भी गाये।

हरी को विशेष रूप से तेज राठौड़, छोटू सिंह रावणा, संत श्री राम प्रिय दास जी, अनिल शर्मा एवं शिव राजस्थानी ने अलग अलग रूप से भरपूर सहयोग दिया जिसके चलते हरी की ये काबिलियत लोगों तक पहुंच पाई और प्रगति की राह पर तेज गति से उभरने लगी।

हरि बीकानेरी ने इतनी कम उम्र में इतनी काबिलियत हासिल कर ली है कि वे आगे जाकर भारत का नाम जरूर रोशन करेगे।

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